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सुर्यवंशी ने अपनी बेहतरीन बल्लेबाज़ी IPL में इतिहास रच दिया

छोटे पैकेट में बड़ा धमाका साबित हुए सूर्यवंशी

Story Highlights
  • आईपीएल में महज एक गेंद ही काफी थी 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी के लिए
  • जैपुर की रोशनी में उनकी हिम्मत साफ दिख रही थी।
  • उन्हें किसी का डर नहीं है। वो नेट्स में जोफ्रा आर्चर जैसे घातक गेंदबाज़ का भी सामना डटकर करते हैं

गुजरात टाइटंस के एक मजबूत स्कोर के जवाब में, सूर्यवंशी ने शुरुआत में ही खेल की दिशा तय कर दी, मोहम्मद सिराज की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर 90 मीटर लंबा छक्का जड़कर खाता खोला।

इनफील्ड के ऊपर से मारने में उन्हें कोई डर नहीं था, भले ही विपक्षी टीम ने फील्डिंग में जाल बिछा रखे हों। गिल और बटलर की पहले से दी गई पिच की रणनीति को नजरअंदाज करते हुए सूर्यवंशी ने अपनी खुद की कहानी लिखी।

ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी कर सबका दिल जीत लिया

उनके शॉट्स सभी बल्ले के बीचोंबीच नहीं लगे, लेकिन पांचवें ओवर में अर्धशतक तक पहुंचने तक उनके 38% शॉट्स ‘फॉल्स’ थे। इसके बावजूद, उन्होंने रुककर कुछ नहीं सोचा।

उससे पहले वाले ओवर में, ईशांत शर्मा की गेंदों पर दो किनारे चौके बने और एक सीधा छक्का। ईशांत को उस ओवर में 28 रन पड़े। वॉशिंगटन सुंदर को अगले ओवर में 21 रन लगे। फिर कुछ ओवर बाद प्रसिद्ध कृष्णा को 17 और करीम जनत को 30 रन पड़े।

इस ऐतिहासिक पारी में जितना भाग्य था, उतना ही दमदार शॉट सिलेक्शन भी। अगर अल्बर्ट ग्रीनफ़ील्ड की थ्योरी लें तो ‘भाग्य उन्हीं को मिलता है जो सक्षम होते हैं’। जहां कुछ पुल और कट टॉप एज से निकले, वहीं कई बिंदास पुल, ड्राइव, फ्लिक और इनफील्ड के ऊपर से लाजवाब स्ट्रोक्स भी थे, जिन्होंने गेंदबाज़ों की लाइन को बिगाड़ दिया।

सूर्यवंशी के पास रेंज भी है और स्किल्स भी – जो अब परख भी लिए गए और प्रदर्शित भी। सचिन तेंदुलकर ने उनकी सफलता को ‘बेखौफ सोच, तेज बैट स्पीड, गेंद की लेंथ जल्दी पढ़ने और शॉट्स में ऊर्जा’ से जोड़ा। राठौड़ ने इसे सिर्फ दो शब्दों में बताया – “ग्रेट डाउनस्विंग।”

गुजरात टाइटंस के एक मजबूत स्कोर के जवाब में, सूर्यवंशी ने शुरुआत में ही खेल की दिशा तय कर दी, मोहम्मद सिराज की गेंद पर लॉन्ग ऑन पर 90 मीटर लंबा छक्का जड़कर खाता खोला।

आईपीएल में महज एक गेंद ही काफी थी 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी के बारे में कुछ मूलभूत और चौंकाने वाली बातों को सामने लाने के लिए। उनका इनसाइड-आउट खेला गया छक्का न केवल उनके आगमन की घोषणा थी, बल्कि उनकी बेखौफ और निडर बल्लेबाजी का प्रमाण भी था, जिसमें गेंदबाज़ के नाम या रुतबे की कोई परवाह नहीं थी।

जैपुर की रोशनी में उनकी हिम्मत साफ दिख रही थी। लेकिन सवाल यह था कि सूर्यवंशी शो के बाहर कौन हैं? जब वो अभ्यास सत्र में होते हैं, अनुभवी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच, जो दबाव और प्रसिद्धि के आदी हैं, अपनी जिम्मेदारियों और विरोधियों की रणनीति को जानते हैं?

इतिहास रचने वाले शतक के बावजूद, ‘बहुत छोटे’ माने जा रहे सूर्यवंशी को मीडिया से बात करने नहीं भेजा गया। सोमवार को गुजरात जायंट्स पर राजस्थान रॉयल्स की जीत के बाद, बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ सामने आए और उन्होंने अपना पक्ष रखा।

“वो मैदान पर जैसे दिखे, वैसा ही नेट्स में भी हैं,” राठौड़ ने कहा। “उन्हें किसी का डर नहीं है। वो नेट्स में जोफ्रा आर्चर जैसे घातक गेंदबाज़ का भी सामना डटकर करते हैं – जो तेज़ और असहज बाउंसर्स डालते हैं।

“लेकिन वो बार-बार उसी आत्मविश्वास के साथ खेलते हैं।” राठौड़ अपनी बात पूरी ही कर रहे थे कि लाइट और आवाज़ दोनों बंद हो गईं। इसे संयोग कहें या भाग्य का संकेत, 28 अप्रैल 2025 की रात से कोई भी सूर्यवंशी की चमक को दबा नहीं सका।

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